सीएए पर जयशंकर बोले, कोई ऐसा देश बताएं जो कहता हो यहां सबका स्वागत है

ग्लोबल बिजनेस समिट को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि मैं आज इस बात को बहुत विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अगर आप किसी भारतीय दूतावास में जाते हैं, तो वहां आपका स्वागत ऐसा होगा जिससे कि आप प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि हम अपने द्विपक्षीय संबंधों को एक नए मुकाम पर ले जाना चाहते हैं जो पहले नहीं था।


समिट में जब विदेश मंत्री से पूछा गया कि क्या हम विदेश में अपने दोस्तों को खो रहे हैं? तो उन्होंने कहा, 'शायद हमें पता चल रहा है कि वास्तव में हमारे दोस्त कौन हैं।' जयशंकर ने कहा, एक ऐसा समय था जब भारत बहुत रक्षात्मक था, हमारी क्षमताएं कम थीं, जोखिम अधिक थे, खतरे ज्यादा थे, इसलिए हमने दुनिया को संभालने की रणनीति अपनाई लेकिन उससे दूर रहे। हम ऐसा आगे नहीं कर सकते। हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। अब दुनिया का स्वरूप बदल गया है।

हमने शरणार्थियों की संख्या कम करने की कोशिश की है
समिट के दौरान जब जयशंकर से पूछा गया कि क्या भारत सीएए पर स्थिति स्पष्ट नहीं कर पाया है या गलत समझा जा रहा है। इसपर विदेश मंत्री ने कहा, 'मीडिया के बाहर भी दुनिया के कुछ वर्ग हैं। मैंने सरकारों से बात की है। मैं ब्रसेल्स में था जहां मैंने एक कमरे में 27 विदेश मंत्रियों के साथ बात की। हम सीएए को लेकर इस नतीजे पर पहुंचे कि यह किसी का मामला नहीं है कि सरकार और संसद के पास नागरिकता की शर्तें निर्धारित करने का कोई अधिकार नहीं है। हमने देश में शरणार्थियों की संख्या कम करने की कोशिश की है। हर कोई नागरिकता को एक संदर्भ में देखता है; मुझे कोई भी ऐसा देश बताइए जो कहता हो कि दुनिया के हर व्यक्ति का वहां स्वागत है।'

विदेश मंत्री से जब कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के निदेशक आपसे (सीएए पर) सहमत नहीं दिखते तो उन्होंने कहा, 'हो सकता है। वह पहले भी गलत रही हैं। मैंने जम्मू-कश्मीर पर इस संस्था की रिपोर्ट देखी है। जिसमें बहुत ही सावधानीपूर्वक यह बताया गया है कि देश सीमापार की आतंकवादी गतिविधियों की वजह से प्रभावित हो रहा है।'