1965 और 1971 में पाक से जंग लड़ने वाले जवानों को विशेष पेंशन की योजना

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भारतीय सेना 1965 व 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में शामिल किए गए सैनिकों को विशेष पेंशन देने की योजना बना रही है। सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस के कार्यक्रम में मंगलवार को सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि इसके लिए रक्षा मंत्रालय को एक प्रस्ताव भी भेजा गया है।
 

सेना प्रमुख नरवणे ने कहा, 'सेना मुख्यालय ने कई प्रस्ताव भेजे हैं, जिनमें से एक में कहा गया कि 1965 व 1971 के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में लड़ने वाले इमरजेंसी कमीशन और शॉर्ट सर्विस कमीशन के सैनिकों को स्वतंत्रता सेनानी सम्मान पेंशन योजना के जैसे ही विशेष पेंशन दी जानी चाहिए।' 

1965 और 1971 के युद्ध के दौरान अधिकारियों की कमी के चलते बड़ी संख्या में इमरजेंसी और शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत अफसरों को भर्ती किया गया था। अपनी सेवा पूरी करने के बाद जल्द सेना छोड़ देने के कारण इमरजेंसी और शॉट सर्विस कमीशन के तहत चुने गए अफसरों को पेंशन नहीं मिलती है।

आपके हितों के लिए हमेशा प्रयास करेंगे : 


सेना प्रमुख ने कहा कि पूर्व सैनिक, वीर नारियां (शहीद जवानों की विधवाएं) और उनके बच्चे सेना का अभिन्न हिस्सा हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सेना इनके हित के लिए हमेशा प्रयासरत रहेगी। बीते वर्ष सेना कल्याण नियुक्ति संगठन ने 240 अधिकारियों, 11,500 जेसीओ और अन्य रैंकों को सेवानिवृत्ति के बाद नौकरियां दिलाईं। साथ ही इन्हें सरकारी नौकरी पाने में मदद के लिए 3-4 महीने का विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया। 

इसके अलावा जेसीओ की भर्ती 20 फीसदी बढ़ाने का भी प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय के पास भेजा गया है। उन्होंने कहा, सैनिकों के बच्चों को मौके देने की 2019 में शुरू की गई पहल को इस वर्ष भी जारी रखा जाएगा क्योंकि अभी लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है।

सोशल मीडिया पर दें सकारात्मक संदेश : नौसेना प्रमुख


नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने इस मौके पर पूर्व सैनिकों सें सोशल मीडिया पर गलतफहमी दूर कर सैन्य सेवाओं में सकारात्मक संदेश प्रसारित करने की अपील की। 

उन्हाेंने कहा, 'पूर्व सैनिकों और सैन्य कर्मियों के बीच का संबंध कभी खत्म नहीं हो सकता। यह सूचनाओं का युग है, अच्छी सूचनाओं के साथ बहुत सी भ्रामक जानकारियां भी आती हैं। ऐसे में पूर्व सैनिकों को समाज में उन्हें प्राप्त सम्मान से सेना की सकारात्मक छवि बनाने की कोशिश करनी चाहिए।'