राजस्थान की राजधानी जयपुर (Jaipur) समेत प्रदेशभर में मंगलवार को सुबह 9 बजे से सरकारी अस्पतालों में सेवारत रेजीडेंट डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल (Doctor Strike) पर चले गए. रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन Jaipur Association of Resident Doctors (JARD) की ओर से सरकार को दिया 15 दिन का समय पूरा होन के बाद हड़ताल की घोषणा की गई. इससे पहले सोमवार को चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया के साथ हुई वार्ता भी बेनतीजा रही. अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा के बाद सुबह 9 बजे से पहले चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को अपने आवास पर वार्ता के लिए बुलाया. इस वार्ता में चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया के साथ एसएमएस मेडिकल कॉलेज के एडिशनल प्रिंसिपल डॉ. अमरजीत मेहता और डॉ राजेश शर्मा भी शामिल हुए लेकिन बात नहीं बनी. वार्ता के बाद चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि रेजीडेंट डॉक्टर्स के साथ वार्ता सकारात्मक माहौल में हुई, हड़ताल के चलते अस्पतालों में वैकल्पिक व्यवस्थाएं की गई हैं.
बता दें कि रेजीडेंट डॉक्टर्स 4 सूत्री मांगों को लेकर सुबह 9 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर चुके हैं. चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गैलरिया के साथ एक दिन पहले हुई वार्ता के बेनतीजा रहने के बाद रेजीडेंट डॉक्टरों ने यह कदम उठाया है. एसोसिएशन के अनुसार उन्होंने सरकार को 15 दिन का समय दिया था लेकिन सरकार की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं होने पर 3 दिसंबर सुबह 9 बजे से हड़ताल पर जाने का निर्णय लेना पड़ा है.
हड़ताल से मरीजों की परेशानी
मरीजों के लिए मंगलवार सुबह से परेशानी शुरू हो गई है. प्रदेशभर में रेजीडेंट डॉक्टर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हो रही हैं. राजधानी के सवाईमानसिंह अस्पताल समेत एसएमएस मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अन्य अस्पतालों में रेजीडेंट्स हड़ताल पर चले गए हैं. डॉक्टर्स एसोसिएशन की जनरल बॉडी मीटिंग में हड़ताल के इस निर्णय का असर प्रदेशभर में व्यापकतौर पर होने वाला है.
बता दें कि रेजीडेंट डॉक्टर्स 4 सूत्री मांगों को लेकर सुबह 9 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर चुके हैं. चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गैलरिया के साथ एक दिन पहले हुई वार्ता के बेनतीजा रहने के बाद रेजीडेंट डॉक्टरों ने यह कदम उठाया है. एसोसिएशन के अनुसार उन्होंने सरकार को 15 दिन का समय दिया था लेकिन सरकार की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं होने पर 3 दिसंबर सुबह 9 बजे से हड़ताल पर जाने का निर्णय लेना पड़ा है.
हड़ताल से मरीजों की परेशानी
मरीजों के लिए मंगलवार सुबह से परेशानी शुरू हो गई है. प्रदेशभर में रेजीडेंट डॉक्टर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हो रही हैं. राजधानी के सवाईमानसिंह अस्पताल समेत एसएमएस मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अन्य अस्पतालों में रेजीडेंट्स हड़ताल पर चले गए हैं. डॉक्टर्स एसोसिएशन की जनरल बॉडी मीटिंग में हड़ताल के इस निर्णय का असर प्रदेशभर में व्यापकतौर पर होने वाला है.